Posts tagged “Tragedy”

बरसात की वो पहली काली

मुरझाई  हुई पड़ी  है इक तजा गुलाब,

जैसे बरसात  की पहली  काली।

जो होठों पे कभी लाली खिला करती थी,

वो अब सफ़ेद  पड़ी  हुई  है।

जो आँखों की  गेहराईयों  के सामने,

फीके  पड़ते  थे  हज़ारो सागर की गहराई,

वो आँखें अब बंद पड़ी है,

उन आँखों मे बस छायी हुई  है एक बेजुबान दर्द ।

उमर कितनी  होगी उस  गुलाब की,

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कोरोना के कारण प्रवासी मजदूरों की त्रासदी

कोरोना के कारण प्रवासी मजदूरों की त्रासदी

आज मेरी खुद की रचित की हुई पंक्तियां ‘ मजदूर हूं मजबूर नहीं ‘
गलत लग रही है क्योंकि शायद आज प्रवासी मजदूर इतने ज्यादा मजबूर हो गए हैं कि उन्हें सब छोड़कर अपने राज पलायन करना पड़ रहा है तो चलिए आज हम बात करते हैं कोरोनावायरस की वजह से मजदूरों की त्रासदी पर ।
कोरोनावायरस की वजह से पूरा विश्व परेशान है इस अंजान वायरस से लड़ने के लिए पूरा विश्व ने कमर कस ली है।
सभी देश अपने अपने तरीके से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं इस लड़ाई में हमारा भी देश सम्मिलित है ।
हमारे देश में 24 मार्च से लॉक डाउन शुरू हो गया था ,तब से लेकर आज तक मजदूर एक संघर्षरत जीवन जीने को मजबूर है ।
चुकि,

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