Posts tagged “power” (Page 2)

शक्ति-पुँज & आचार्य अदग : PART 9
  • By Ashish Anand Arya "Ichchhit"
  • |
  • Story
  • |
  • 533 Views
  • |
  • 0 Comment
शक्ति-पुँज & आचार्य अदग PART-8
  • By Ashish Anand Arya "Ichchhit"
  • |
  • Story
  • |
  • 497 Views
  • |
  • 0 Comment
शक्ति-पुँज & आचार्य अदग : PART-4

Part 1: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/05/30/shakti-punj-acharya-adag

Part 2: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/06/02/shakti-punj-acharya-adag2

Part 3: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/06/06/shakti-punj-aur-acharya-adag-part3

पिछले खण्ड से आगे…
गुजरती समय की घड़ियों के साथ युवा होते वश्य की दक्षता और निपुणता को देख आचार्य को यह आभास स्पष्टहोने लगा था कि वो जल्द ही उसे उत्तरदायित्व की कोई बहुत बड़ी सौगात सौंपने जा रहे हैं। पर अभी तक उन्होंने कभी भी कुछ भी स्पष्ट रूप से कहा नहीं था। इधर शिक्षा और दीक्षा का प्रक्रम यथावत् वश्य को लगातार सक्षम करता जा रहा था कि एक दिन यकायक ही बहुत अकस्मात् परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गयीं।

उस दिन जब आचार्य प्रतिदिन की तरह प्रातः स्नान के लिए कुटिया के निकट बहने वाली नदी की ओर जा रहे थे,

Read More
!! शक्ति पुँज & आचार्य अदग !! (Part 3)

Part 1: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/05/30/shakti-punj-acharya-adag

Part 2: https://rentreadbuy.com/index.php/2020/06/02/shakti-punj-acharya-adag2

पिछले खण्ड से आगे… PART-3 :-

आचार्य की बात पूरी हो चुकी थी। उन्होंने अपना आदेश सुना दिया था। फिर भी जमीन पर लेटे हुए उठने की कोशिश करते वश्य के होठ बड़े हौले से हिले। वह संभवतः कुछ बोलना चाहता था। पर जिस जोरदार तमाचे की वजह से वो नीचे जमीन पर गिर पड़ा था,

Read More
!! शक्ति पुँज & आचार्य अदग !! (Part 2)

Part-1 पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें : https://rentreadbuy.com/index.php/2020/05/30/shakti-punj-acharya-adag

पिछले खण्ड से आगे… PART-2 :

आचार्य अदग के हिसाब से उनकी उम्र बूढ़ा कहे जाने वाले पड़ाव पर पहुँच चुकी थी। अब तक ब्रह्मचर्य-जीवन का पालन करने वाले आचार्य अदग के नज़दीक कोई भी ऐसा इंसान न था, जिससे वो अपने मन की बातें कह सकें। मन के अन्दर ही अन्दर उथल-पुथल मचाते विचारों के इस लगातार दबाव ने जीवन के आरम्भ से ही शान्तिप्रिय रहे आचार्य के व्यवहार को अब सहसा ही बहुत कर्कश बना दिया था। उस कर्कशता की वजह से ही अब लोग उसके करीब आने से भी घबराने लगे थे। परन्तु उस आचार्य मन के भीतर उस गुस्सैल मनोदशा के बावजूद कुछ और ही ध्येय थे।

इस समय आचार्य अदग के विचार बहुत दूर की बात सोच रहे थे। जीवन के इस अधेड़ दर्शक ने मन ही मन यह निश्चय कर लिया था कि वो इसी कठोर स्वभाव के साथ शेष जीवन का यापन करेगा। उस कठोर अवस्था में जो कोई भी जिज्ञासु अपने प्रयासों से उन्हें सन्तुष्ट करने का प्रयास करने जा रहा था,

Read More
!! शक्ति-पुँज & आचार्य अदग !!

!! शक्ति-पुँज & आचार्य अदग !!

जीवन, वह एक बड़ा सत्य है, जिसने पृथ्वी को आज तक इतने विशाल ब्रह्मांड के हजारों लाखों ग्रहों के बीच बिल्कुल अलग ही स्थापित करके रखा है। पृथ्वी पर जीवन के न जाने कितने-कितने प्रकार हैं। पेड़-पौधे, कवक, पशु-पक्षी, मछली, उभयचर, कीटाणु, विषाणु, कोशिका और इस तरह से एक-एक जोड़ते-जोड़ते और भी न जाने क्या-क्या! पृथ्वी पर मौजूद जीवन के इन विभिन्न रूप-रंगों में से ही एक,

Read More
X
×