Posts tagged “pain”

बरसात की वो पहली काली

मुरझाई  हुई पड़ी  है इक तजा गुलाब,

जैसे बरसात  की पहली  काली।

जो होठों पे कभी लाली खिला करती थी,

वो अब सफ़ेद  पड़ी  हुई  है।

जो आँखों की  गेहराईयों  के सामने,

फीके  पड़ते  थे  हज़ारो सागर की गहराई,

वो आँखें अब बंद पड़ी है,

उन आँखों मे बस छायी हुई  है एक बेजुबान दर्द ।

उमर कितनी  होगी उस  गुलाब की,

Read More
दर्द😢

में आज भी हर 

बड़े से बड़ा दर्द सह जाती हूँ

ये सोच कर कि आज से

कही बेहतर मेरा

आने वाला कल होगा

Read More
अंधेरी रात

जाने क्यूँ ये अंधेरी रात आती है ।।
बीते हुये ज़ख़्मों को याद दिलाती है
दर्द मे सारी रात बीत जाती है
एक पल भी सुकून की नींद नही आती है
जाने क्यूँ ये अंधेरी रात आती है ।।
अंधेरी रात का सुना पन मुझे डराती है
दिन के इन्तज़ार मे रात बीत जाती है
नये सवेरे के साथ मंज़िल चल जाती है
सन्ध्या मन को व्याकुल कर जाती है
जाने क्यूँ ये अंधेरी रात आती है ।।

Read More
X
×