Poetry (Page 4)

आखिर क्यों

अगर देश के नेताओं के लिए ‘ सब चंगा सी ‘ 

तो सरहद पर हमारे जवान मरते क्यों हैं ? 

अगर तुम उनके परिवार के लिए कुछ नहीं कर सकते,

तो चुनावों मे उनपर ही सियासत कैट क्यों हैं ? 

अगर वह दुष्मन को मारे तो कामयाबी सरकार की है,

अगर हमारे हुए शहीद तो, आप सवाल करते क्यों हैं ? 

अगर सेना को मिले कामयाबी तो क्रेडिट सरकार को  गया,

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दर्द😢

में आज भी हर 

बड़े से बड़ा दर्द सह जाती हूँ

ये सोच कर कि आज से

कही बेहतर मेरा

आने वाला कल होगा

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मोहब्बत

मुझे छोड़ कर वह खुश है ..😊😊

तो शिकायत कैसी 🤐🤐

अब में न उनको  खुश देख सकूँ 😊😉😉

तो मोहब्बत कैसी 😘🙈❤💘💖

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इल्जाम

अभी भी कोई इल्जाम

रह गया हो तो वो भी

लगा दो

अगर इतने ही बुरे हैं हम

तो आओ मेरा गला दबा दो

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माँ

माँ
होता कुछ भी नहीं मैं,
अगर तू साथ ना होती,
गिर के संभल ना पाता,
गर तू मेरे पास ना होती।
आसमान में सुराख़ कर देती,
ख्वाहिश जो मेरी ये भी होती,
खुशियों में मेरी तू,
अपने गम भुला ही देती,
मेरे कदमों की आहट को,
दुर से ही पहचान लेती।
लड़कपन की गलतियों को,
यूँ ही तू भुला ही देती,
नींदों में भी अपनी तु,

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बारिश

मौसम ए साजिश का है,
ये मौसम बारिश का है,
किसी को इंतज़ार रहता है,
बारिश में भीगने का,
एहसास,अच्छा होता है।
हवाओं में वो सुकून होता है,
ये मुहब्बत का सुरूर होता है।
दिल ये मगरूर होता है,
आशिकों का नूर होता है,
ख्वाबों का जुनून होता है।
जब मौसम बारिश का होता है.
मन में बहार होता है,
खेत में अनाज होता है,

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जिंदगी

आजकल कुछ ऐसी चल रही हैं जिन्दगी,

मन  में उदासी छाई है हर वक़्त,

लेकिन कयूँ है पता नहीं,

खुश रहना चाहते हैं लेकिन

कोई वजह नहीं,

बस निरसता ही बची है जिन्दगी में कोई

खुशी के पल नहीं

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कमी

कमी किसमें नहीं है,

हर इंसान में कमी है,

हर चीज में है कमी,

तभी तो आसमां के पास जमीं नहीं है

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डर लगता है

अब दिन से नहीं ,रात से डर लगता हैं

कच्चा है घर 🏡 मेरा, बरसात से डर लगता हैं

प्यार की बातें ना करो, अब तो प्यार के नाम से भी डर लगता है|

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अधूरी मोहब्बत
कुछ मोहब्बत है अधूरी सी ||
जो न मिल सकी पुरी सी
कुछ मोहब्बत है अधूरी सी |
चाहा था हमने भी जी जान से उनको
न रखी थी कोई कमी दिल मे
हमने तो जहाँ मान लिया था उनको
फिर भी दिल मे
कुछ मोहब्बत है अधूरी सी ||
कभी वो हमसे नज़रें चुराते थे
कभी हमसे नज़रें मिलाते थे
कुछ मोहब्बत है अधूरी सी |
आँखों ही आँखों से प्यार बया कर जाते थे
उनकी यही मोहब्बत हमें समझ नही आती थी
आँखों मे प्यार था दिल मे तिरस्कार था
कुछ मोहब्बत है अधूरी सी ||
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