Author: Parisa Gupta (Page 2)

Life of love

Once you said all clear,

That you will be always near.

You will solve all my mess,

When you found me in stress.

Have you remember the promises in the cold?

That this relation will never fold.

You said to have a relation like gold,

And share the sorrows even when we are old.

The promises from my side will always alive,

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धरा

उज्जवलित है धरा प्रकाश से,

आस से साहस से विश्वास से।

जिंदगी इंसान की इंसान से,

प्राण है जंतु में भी जान से।

फसल है महान वह किसान से,

देश आगे बढ़ रहा ज्ञान से विज्ञान से।।

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चल रहे हैं सड़क पर

चल रहे हैं सड़क पर अटक अटक के पांव,

ना जाने कहां जाएगी नहीं यहां थोड़ी भी छांव,

कट चुके हैं पेड़ अब बन गए पुराने जंगल भी गांव।

स्वार्थी हो गया इंसान,

और वफादारी जानवर के नाम।।

 

 

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कुछ पल

कुछ पल आए, कुछ गए, तो कुछ आयेंगे

कभी आंखें नम होंगी तो कभी होट मुस्कुराएंगे

ये जिंदगी है बस हम यूंही जीते चले जाएंगे।।

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गांव

वह गांव में आज भी आनंद है, क्यों शहरों में प्रदूषण की काई छाई?

क्यों गांव जैसी हरियाली शहरों को ना भाई?

भोजन मिलता किसान से, पर शहरों में तो मल्टीनेशनल कंपनियां ही पाई।

क्यों शहर वालों ने सुविधा, और गांव वालों ने दर-दर की ठोकरें खाई?

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वातावरण

सांस लो हवाओं में तो कुछ पेड़ भी लगाओ दोस्त,

फल खाओ बाग से तो जंगल भी बचाओ दोस्त,

पीते हो दूध तो कभी गाय को एक रोटी भी खिलाओ दोस्त,

अच्छी लगती है चाचाहाट तो कभी चिड़ियों को दाना भी चुंगाओ दोस्त,

अंधेरे से डर लगे तो एक दिया भी जलाओ दोस्त।।

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तू
तेरी तस्वीर आंखों में इस तरह छाई है कि हर पल तेरा चेहरा आंखों के सामने रहता है।
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