रंगों में बेरंग ( Rangon Mein Berang )

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Product Description

जिस दिन मालूम हो जाए उस दिन लिखना छूट जाए या यूँ कहें शुरू हो जाए। खैर जो भी हो, मैं अभी लिखना चाहता हूँ बिना किसी की परवाह किए।लेकिन कैसे लिखते हैं ? कैसे सीखा जाता है लिखना ? कैसे लेखकों की शब्दावली, मर्यादा को अपने वाक्यों में ढाला जाता है, मुझे कोई तक़ाज़ा नहीं। आप मुझे कोई कवि या लेखक न समझिएगा, यह आपकी बहुत बड़ी भूल होगी। मैं तो बस उस शख्स की तरह हूँ जिसने इस दुनिया में पहली बार लिखा होगा जो बस लिखना चाहता होगा बिना किसी नाप-तौल के, अपने मन के तराजू में बिना बाँट का बट्टा रखे अपने सारे खयालों को एक मोमिया (polythene) में डाल बिना तौले सबको बाँट देना चाहता होगा। जो सब कुछ उसने महसूस किया या जिया होगा उन सबको अपने जैसों तक पहुँचाने के लिए एक बड़ी नदी में उस मोमिया को फेंककर, पानी में कंकरियाँ फेंकते हुए उसके रंग को पानी के रंग के साथ खेलता हुआ देखता रहूँगा उम्र भर सुकून से जो कुछ पल, साल, अरसों, सदियों में उन शख्स तक पहुँच जायेगा। -फै़ज़ान

Additional information

Weight 0.123 kg
Dimensions 22 × 14 × 1 cm
Author

Faizan Khan

Condition

Preowned, Readable

Language

Hindi

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