Kafan (Hindi)

Quick Overview

बुधिया का ससुर तीन दिन काम करता तो तीन दिन आराम करता। बुधिया का पति भी कामचोर है परिणाम स्वरूप कोई आसानी से उसे काम पर नहीं रखता है। जब कभी एक दो दिन खाने के लिये नहीं होता तब बुधिया का (ससुर) घीसू लकड़ी तोड़ लाता और (पति) माधव वह लकड़ी बाजार में बेंच देता।

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Product Description

लघु कथाओं के इस संग्रह में प्रेमचंद ने समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे सामाजिक व्यवस्था, आस्था और धर्म पर प्रकाश डाला है। कहानी ‘कफन’ प्रेमचंद की गरीबी से त्रस्त परवरिश को दर्शाती है और गरीबों के अस्तित्व के संघर्ष को दर्शाती है।

Additional information

Author

Munshi Premchand

Condition

New

Language

Hindi

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