Author: Versha Rani (Page 3)

खुशी

आजकल ना दिन उजला है ना रातें रंगीन

भटक रहे हैं यूँ ही भुल भुलैया मे

रस्ते  जहाँ ले जा रहे हैं,

बस एक खुशी के लिए या यूँ कहूँ मन की

शान्ति के लिए बस भागे जा रहे हैं

जो आज तक कहीं न मिली|

 

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बहु करती ही क्या है❓

एक बहु गृहणी बनती है

क्योंकि वो अन्नपूर्णा, लक्ष्मी, सरस्वती बन जाती है

फिर भी कहा जाता है बहु करती ही क्या है

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अधुरे

आधी अधूरी सी है ख्वाहिश,

ख्वाब भी अधुरे है,

तुम से मिलने की आस में

कुछ अधुरी सी है जिन्दगी

ओर अधुरे है हम |

 

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मजबूत

खुद को इतना कमजोर मत बनाओ ,

तुम गिरो तो कोई उठाने आये,

बल्कि खुद को इतना मजबूत बनाओ कि

तुम गिरो तो तुम्हे दस लोग उठाने आये|

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रिश्ते

अगर चाहते हो रिश्ते निभाना तो

रिश्तों की कयारी में कुछ बीज मुस्कराहटों

के बिखेर दिया  करो,

फूल🌺 ओर सुगंध मशहूर हो जायेगी|

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जिंदगी

☝एक मोड पर आकर

जिंदगी तो रूक जायेगी  ,

लेकिन तुम जिस मोड़ 🔃 मिलोगे

हम उसी मोड़ पर थम जायेगे|

 

 

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माँ और बेटी

एक माँ ही बेटी का

हर दुख दर्द समझ

सकती हैं,

कयोकि माँ पर

पहले से वो सब

बीत चुका है,

इस लिए माँ बेटी का रिश्ता अनमोल होता है|

 

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संघर्ष

जिंदगी जीना

आसान नहीं होता,

बिना संघर्ष  पाना

कुछ आसान नहीं होता |

 

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